Thursday, June 26, 2014

Benefits of जौ (BARLEY) And टमाटर-

Benefits of जौ (BARLEY) --
By Poojya Acharya Bal Krishan Ji Maharaj
भारतवर्ष में अति प्राचीन काल से जौ का प्रयोग किया जाता रहा है | हमारे ऋषि मुनियों का प्रमुख आहार जौ ही था | प्राचीन वैदिक काल तथा आयुर्वेदीय निघण्टुओं एवं संहिताओं में इसका वर्णन प्राप्त होता है | भावप्रकाश निघण्टुमें तीन प्रकार के भेदों का वर्णन प्राप्त होता है |
स्वाद एवं आकृति के दृष्टिकोण से जौ,गेहूँ से भिन्न दिखाई पड़ते हैं किन्तु यह गेहूँ की जाति का ही अन्न है | अगर गुण की दृष्टी से देखा जाए तो जौ गेहूं की अपेक्षा हल्का होता है | जौ को भूनकर,पीसकर उसका सत्तू बनता है | जौ में लैक्टिक एसिड,सैलिसिलिक एसिड,फॉस्फोरिक एसिड,पोटैशियम और कैल्शियम होता है |
जौ के विभिन्न औषधीय उपयोग -
१- एक लीटर पानी में एक कप जौ को उबालकर इस पानी को ठंडा करके छानकर पीने से शरीर की की सूजन ख़त्म हो जाती है |
२- जौ का सत्तू खाने या पीने से अधिक गर्मी में शरीर को ठंडक मिलती है |
३- जौ को बारीक पीस कर तिल के तेल में मिलाकर शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से लाभ होता है |
४- जौ का आटा ५० ग्राम और चने का आटा १० ग्राम मिलाकर रोटी बनाएं | इस आटे की रोटी से मधुहेह नियंत्रित हो जाता है |
५- उबले हुए जौ का पानी प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से शरीर में खून बढ़ता है | जौ का पानी गर्मियों में पीने से अधिक लाभ मिलता है |

टमाटर (रक्तवृन्ताक) -
टमाटर मूलतः उष्णकटिबंधीय दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्रों में पाया जाता है,परन्तु अब सर्वत्र भारत में इसकी खेती की जाती है | टमाटर में कई प्रकार के पौष्टिक गुण पाये जाते हैं | टमाटर में पाये जाने वाले विटामिन गर्म करने से ख़त्म नहीं होते हैं | टमाटर में विटामिन A ,B और C तथा B काम्प्लेक्स पाया जाता है | २०० ग्राम टमाटर से लगभग ४० कैलोरी ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है | टमाटर में कैल्शियम भी अन्य फल सब्ज़ियों की तुलना में अधिक पाया जाता है | दांतों व हड्डियों की कमज़ोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन बहुत उपयोगी है | इसमें लौह,पोटाश,चूना,लवण तथा मैग्नीस जैसे तत्व भी होते हैं इसलिए इसके सेवन से शरीर में रक्त की वृद्धि होती है | टमाटर लीवर,गुर्दा और अन्य रोगों को ठीक करने में लाभकारी है |
टमाटर के कुछ औषधीय प्रयोग -
Photo: टमाटर (रक्तवृन्ताक) -
               टमाटर मूलतः उष्णकटिबंधीय दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्रों में पाया जाता है,परन्तु अब सर्वत्र भारत में इसकी खेती की जाती है | टमाटर में कई प्रकार के पौष्टिक गुण पाये जाते हैं | टमाटर में पाये जाने वाले विटामिन गर्म करने से ख़त्म नहीं होते हैं | टमाटर में विटामिन  A ,B और C तथा B काम्प्लेक्स पाया जाता है | २०० ग्राम टमाटर से लगभग ४० कैलोरी ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है | टमाटर में कैल्शियम भी अन्य फल सब्ज़ियों की तुलना में अधिक पाया जाता है | दांतों व हड्डियों की कमज़ोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन बहुत उपयोगी है | इसमें लौह,पोटाश,चूना,लवण तथा मैग्नीस जैसे तत्व भी होते हैं इसलिए इसके सेवन से शरीर में रक्त की वृद्धि होती है | टमाटर लीवर,गुर्दा और अन्य रोगों को ठीक करने में लाभकारी है | 
                       टमाटर के कुछ औषधीय प्रयोग -

१- मधुमेह की बीमारी में टमाटर का सेवन अति लाभकारी है | इसके सेवन से रोगी के मूत्र में शक्कर आना धीरे-धीरे कम हो जाता है | 

२- टमाटर के सेवन से चिड़चिड़ापन और मानसिक कमज़ोरी दूर होती है | यह मानसिक थकान को दूर करके मस्तिष्क को संतुलित बनाए रखता है | 

३- प्रतिदिन लगभग २०० ग्राम टमाटर के सेवन से रतौंधी और अल्पदृष्टि (आँखों से कम दिखाई देना) में लाभ होता है | इस प्रयोग से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं | 

४- दिन में दो बार टमाटर या उसके रस के सेवन से कब्ज़ ख़त्म होती है तथा आमाशय व आँतों की सफाई हो जाती है | 

५- जिन लोगों को मुँह में बार-बार छाले होते हों उन्हें टमाटर का सेवन अधिक करना चाहिए | टमाटर के रस में पानी मिलाकर कुल्ला करें,इससे भी मुँह  के छाले ख़त्म होते हैं| 

६- अगर चेहरे पर काले दाग या धब्बे हों तो टमाटर के रस में रुई भिगोकर लगाने से काले दाग-धब्बे ख़त्म हो जाते हैं | 
                                  टमाटर का उपयोग आमवात,अम्लपित्त,सूजन,संधिवात और पथरी के रोगियों को नहीं करना चाहिए,क्यूंकि यह उनके लिए हानिकारक होता है | मांसपेशियों में दर्द तथा शरीर में सूजन हो तो टमाटर नहीं खाना चाहिए |

१- मधुमेह की बीमारी में टमाटर का सेवन अति लाभकारी है | इसके सेवन से रोगी के मूत्र में शक्कर आना धीरे-धीरे कम हो जाता है |

२- टमाटर के सेवन से चिड़चिड़ापन और मानसिक कमज़ोरी दूर होती है | यह मानसिक थकान को दूर करके मस्तिष्क को संतुलित बनाए रखता है |

३- प्रतिदिन लगभग २०० ग्राम टमाटर के सेवन से रतौंधी और अल्पदृष्टि (आँखों से कम दिखाई देना) में लाभ होता है | इस प्रयोग से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं |

४- दिन में दो बार टमाटर या उसके रस के सेवन से कब्ज़ ख़त्म होती है तथा आमाशय व आँतों की सफाई हो जाती है |

५- जिन लोगों को मुँह में बार-बार छाले होते हों उन्हें टमाटर का सेवन अधिक करना चाहिए | टमाटर के रस में पानी मिलाकर कुल्ला करें,इससे भी मुँह के छाले ख़त्म होते हैं|

६- अगर चेहरे पर काले दाग या धब्बे हों तो टमाटर के रस में रुई भिगोकर लगाने से काले दाग-धब्बे ख़त्म हो जाते हैं |
टमाटर का उपयोग आमवात,अम्लपित्त,सूजन,संधिवात और पथरी के रोगियों को नहीं करना चाहिए,क्यूंकि यह उनके लिए हानिकारक होता है | मांसपेशियों में दर्द तथा शरीर में सूजन हो तो टमाटर नहीं खाना चाहिए |
घमौरियां या प्रिकली हीट

गर्मी के मौसम में पसीना आना स्वाभाविक है | इस पसीने को यदि साफ़ न किया जाए तो यह शरीर में ही सूख जाता है और इसकी वजह से शरीर में छोटे -छोटे दाने निकल आते हैं जिन्हें हम घमौरियां या प्रिकली हीट कहते हैं | घमौरी एक प्रकार का चर्म रोग है जो गर्मियों तथा बरसात में त्वचा पर हो जाता है | इसमें त्वचा पर छोटे -छोटे दाने निकल आते हैं ,जिनमें हर समय खुजली होती रहती है | घमौरियों से निजात पाने के लिए हम आपको कुछ सरल उपाय बताते हैं -
Photo: घमौरियां या प्रिकली हीट

गर्मी के मौसम में पसीना आना स्वाभाविक है | इस पसीने को यदि साफ़ न किया जाए तो यह शरीर में ही सूख जाता है और इसकी वजह से शरीर में छोटे -छोटे दाने निकल आते हैं जिन्हें हम घमौरियां या प्रिकली हीट कहते हैं | घमौरी एक प्रकार का चर्म रोग है जो गर्मियों तथा बरसात में त्वचा पर हो जाता है | इसमें त्वचा पर छोटे -छोटे दाने निकल आते हैं ,जिनमें हर समय खुजली होती रहती है | घमौरियों से निजात पाने के लिए हम आपको कुछ सरल उपाय बताते हैं -

१- मेंहदी के पत्तों को पीसकर नहाने के पानी में मिला लें | इस पानी से नहाने से घमौरियां ठीक हो जाती हैं | 

२- देसी घी की पूरे शरीर पर मालिश करने से घमौरियां मिटती हैं | 

३- शरीर पर मुल्तानी मिटटी का लेप करने से घमौरियां मिटती हैं और इनसे होने वाली जलन और खुजली में भी राहत मिलती है | 

४- नारियल के तेल में कपूर मिला लें | इस तेल से रोज़ पूरे शरीर की मालिश करने से घमौरियां दूर हो जाती हैं | 

५- नीम की पत्तियां पानी में उबाल लें | इस पानी से स्नान करने से घमौरियां मिटती हैं | 

६- तुलसी की लकड़ी पीस लें | इसे पानी में मिलकर शरीर पर मलने से घमौरियां समाप्त हो जाती हैं |
१- मेंहदी के पत्तों को पीसकर नहाने के पानी में मिला लें | इस पानी से नहाने से घमौरियां ठीक हो जाती हैं |

२- देसी घी की पूरे शरीर पर मालिश करने से घमौरियां मिटती हैं |

३- शरीर पर मुल्तानी मिटटी का लेप करने से घमौरियां मिटती हैं और इनसे होने वाली जलन और खुजली में भी राहत मिलती है |

४- नारियल के तेल में कपूर मिला लें | इस तेल से रोज़ पूरे शरीर की मालिश करने से घमौरियां दूर हो जाती हैं |

५- नीम की पत्तियां पानी में उबाल लें | इस पानी से स्नान करने से घमौरियां मिटती हैं |

६- तुलसी की लकड़ी पीस लें | इसे पानी में मिलकर शरीर पर मलने से घमौरियां समाप्त हो जाती हैं |

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